इंदौर के रणजीत हनुमान मंदिर में वैसे तो आंठो दिन भक्तों का आना जाना लगा रहता है। लेकिन यहां मंगलवार एवं शनिवार को भक्तों का भारी ताता लगा रहता है। इसी दीन मंदिर में विशेष पूजा भी होती है। रणजीत हनुमान मंदिर पर हर वर्ग के लोग पहुंचते है।
इंदौर के चमत्कारी रणजीत हनुमान मंदिर के इतिहास को लेकर कई मान्यताएं जुड़ी हुई है। बताया जाता है कि सन् 1907 में इंदौर के ही पहलवानी का शौक रखने वाले अल्हड़सिंह भारद्वाज हनुमान के परम भक्त एवं उपासक थे। अल्हड़सिह ने गुमाश्ता नगर क्षेत्र में विराण पड़े जंगलो में भगवान हनुमान की प्रतिमा स्थापित कर एक छोटे से अखाड़े का निर्माण किया था। जैसे-जैसे समय बितता गया वैसे-वैसे यहां कई चमत्कार होते गए। जिसके बाद से यह मंदिर रणजीत हनुमान मंदिर के नाम से पुरे इंदौर शहर में पहचानने जाने लगा। आज भी यहां मंदिर पर कई चमत्कार होते है। एक अदृश्य शक्ती हनुमान के रूप में यहां विराजित है। आज मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम के अनन्य भक्त श्री हनुमान का जन्मोत्सव है। जैसा कि वेदों और पुराणों में बताया गया है कि पवन पुत्र हनुमान का जन्म कोई साधारण नही है। बताया तो यह भी जाता है कि हनुमान आज भी पृथ्वी पर कही ना कही बसे हुए है। पवन पुत्र के भारत में अनेकों मंदिर है और इन्ही से जुड़ी कई अनेक कहानीयां है। इन मंदिरों में हनुमान के दर्शन मात्र से ही मनुष्य के सारे कष्ट दुर हों जाते है। आज हम हनुमान जयंती के अवसर पर आपकों इंदौर के रणजीत हनुमान मंदिर के बारे में बताने जा रहे है। मध्य प्रदेश के इंदौर में फुटी कोठी रोड़ पर स्थित रणजीत हनुमान मंदिर अपने आप में कई चमत्कारों को समेटे हुए है। जब आप यहां मंदिर में प्रवेश करेंगे तो आपको यहां कई भक्त हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड आदी का पाठ करते हुए नजर आएंगे। यहां प्रवेश करने के साथ ही राम भक्त हनुमान के प्रति लगन बड़ जाती है। इंदौर शहर के साथ ही आसपास के अनेकों गांवो एवं शहरों से लोग यहां अपनी मन्नते लेकर पहुंचते है। रणजीत हनुमान के बारे में यह भी कहां जाता है कि जो भी अपने रण यानी अपने-अपने कार्य क्षेत्र में विजय हासील करना चाहता है वो रणजीत हनुमान के दरबार में आता है।